सोशल मीडिया पर सेना की छवि खराब करने वाले पूर्व सैनिकों पर FIR के निर्देश
Indian Army News: भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वाले पूर्व सैनिकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। सेना मुख्यालय ने सभी कमांड को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे पूर्व सैनिकों की पहचान करें और एफआईआर दर्ज कराएं। जयपुर में एक पूर्व सैनिक के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर गलत जानकारी देकर भारतीय सेना की छवि खराब करने वाले पूर्व सैनिकों पर सेना ने शिकंजा कसना शुरू किया है। सूत्रों के मुताबिक सेना हेडक्वॉर्टर की तरफ से सेना की सभी कमांड को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पूर्व सैनिक अगर सोशल मीडिया पर सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर कराई जाए। सूत्रों के मुताबिक एक पूर्व सैनिक के खिलाफ जयपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई है, साथ ही अलग अलग शहर में कुछ पूर्व सैनिक सेना के रडार में हैं।
सूत्रों के मुताबिक जयपुर में जिन पूर्व सैनिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, वे एक यू-ट्यूब चैनल के जरिए लगातार सेना पर और सेना की कार्यशैली पर कई आरोप लगा चुके हैं। इसी तरह कुछ और पूर्व सैनिकों की पहचान की गई है, इनमें कुछ वे पूर्व सैनिक भी शामिल हैं जो सेना से अनुशासनहीनता की वजह से निकाले गए हैं। सूत्रों के मुताबिक सेना हेडक्वॉर्टर की तरफ से सेना की सभी कमांड को निर्देश दिए गए हैं कि वे लगातार सोशल मीडिया मॉनिटर करें और उन पूर्व सैनिकों की पहचान करें जो सेना की इमेज खराब कर रहे हैं, उनकी डिटेल निकालें, उनकी पहचान स्थापित करें और भारतीय न्याय संहिता सहित सभी उचित धाराओं में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएं।
क्या है ऐक्शन प्लान?
निर्देश में कहा गया है कि सेना हेडक्वॉर्टर लगातार इन एफआईआर को फॉलो करेगा और सुनिश्चित करेगा कि सेना की छवि खराब करने वाले पूर्व सैनिकों पर कानून का शिकंजा कसे। पिछले साल सेना की एजी ब्रांच की तरफ से सेना के सभी कमांड हेडक्वॉर्टर को एक अडवाइजरी भेजी गई थी। उस अडवाइजरी में आर्मी के पेंशन रेगुलेशन एक्ट-2008 का हवाला देते हुए लिखा गया था कि कॉम्पिटेंट अथॉरिटी किसी भी पूर्व सैनिक की पेंशन पूरी तरह से या उसका कुछ हिस्सा रोक सकती है। अगर कोई गंभीर तौर पर अनुचित आचरण का दोषी पाया जाता है तो कंपीटेंट अथॉरिटी को यह अधिकार है कि जो पेंशन पहले से दी जा रही है उसे रोका जा सकता है क्योंकि पेंशन देने के लिए उनका भविष्य का अच्छा आचरण भी एक शर्त है।
दुश्मन कर सकता है इनका इस्तेमाल
सेना की तरफ से पहले जो अडवाइजरी जारी की गई थी उसमें कहा गया था कि पिछले कुछ वक्त में सोशल मीडिया के जरिए भारतीय सेना के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में कुछ पूर्व सैनिक एक्टिव दिख रहे हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए सेना में सर्विस लाइफ और सर्विस कंडीशन के बारे में लोगों को भड़का रहे हैं। इसमें जो भाषा इस्तेमाल की जा रही है वह सेना की इमेज खराब कर रही है और हेट स्पीच है। सेना को मिली इंटरनल रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया में पूर्व सैनिकों के इस तरह के विडियो और झूठे नेरेटिव और प्रोपेगेंडा विडियो का असर लोगों के दिमाग में होता है और दुश्मन इसका इस्तेमाल भारतीय सेना के खिलाफ कर सकता है।
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