जादूगर सम्राट मोगैंबो अयोध्या में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित

भारतीय जादू कला ट्रस्ट की ओर से अयोध्या धाम में दो दिवसीय अखिल भारतीय जादूगर सम्मेलन 'जादू समागम अयोध्या धाम 2024' का आयोजन किया गया, जिसमें पंजाब के मशहूर जादूगर व ऑल इल्यूज़निस्ट एंड मैजिशियन सोसायटी के अध्यक्ष जादूगर सम्राट मोगैंबो को भारतीय जादू कला ट्रस्ट की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सामानि किया गया। 


जादूगर मोगैंबो को अतिधियों ने शाल ओढ़ाकर और प्रसंशा पत्र व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। यह अवार्ड जादू जगत में जादू कला के लिए जादूगर सम्राट मोगैंबो द्वारा पिछले 45 वर्षों से कर रहे उत्कृष्ट कार्यों सहयोग समर्पण के लिए दिया गया है। यह अवार्ड राम मंदिर अयोध्या धाम के ट्रस्टी चम्पत राम, वैदेही वल्लभ शरण महराज व जादू कला ट्रस्ट की टीम द्वारा प्रदान किया। जादूगर सम्राट मोगैंबो को पहले भी कई तरह के पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। कार्यक्रम का आयोजन राम मंत्रार्थ मंडपम में किया गया। सम्मेलन में देशभर से करीब 200 जादूगरों ने हिस्सा लिया 

10,000 रुपए रिश्वत माँगता डीड राइटर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा गिरफ़्तार

लुधियाना

4 जनवरी: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई गई मुहिम के दौरान गुरूवार को डीड राइटर जसपाल सिंह, निवासी मोहल्ला कोट मंगल सिंह, शिमलापुरी, लुधियाना को राजस्व विभाग के कर्मचारियों के नाम पर 10,000 रुपए रिश्वत देने की माँग करते हुए गिरफ़्तार कर लिया।  

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए राज्य विजीलैंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उक्त मुलजिम के खि़लाफ़ यह मामला ईशर नगर लुधियाना के रहने वाले बलविन्दर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाईन पर दर्ज करवाई गई शिकायत की पड़ताल के आधार पर दर्ज किया गया है।  

शिकायतकर्ता ने अपनी ऑनलाईन शिकायत में बताया कि उसने 07.11.2023 को सब रजिस्ट्रार लुधियाना सैंट्रल के दफ़्तर से न्यू जनता नगर, लुधियाना स्थित अपने प्लॉट की रजिस्ट्री दर्ज करवाई थी। उपरोक्त डीड राईटर सब रजिस्ट्रार लुधियाना सैंट्रल के कर्मचारियों से उसका यह काम करवाने के बदले 10,000 रुपए की रिश्वत देने के लिए दबाव डाल रहा था। शिकायतकर्ता ने उक्त मुलजिम जसपाल सिंह के साथ हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और ऑनलाईन शिकायत ऑडियो सबूतों समेत विजीलैंस ब्यूरो के पास दर्ज करवा दी।  

उन्होंने आगे बताया कि पड़ताल के दौरान यह बात सामने आई है कि उक्त मुलजिम शिकायतकर्ता से प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के बदले राजस्व विभाग के कर्मचारियों के नाम पर 10,000 रुपए की रिश्वत की माँग कर रहा था। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान सब रजिस्ट्रार (सैंट्रल) लुधियाना के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।  

इस सम्बन्धी उक्त मुलजिम के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना लुधियाना रेंज में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की अगली जांच जारी है।

फर्जी समाचार चैनलों के खिलाफ कार्रवाई पर अनुराग ठाकुर ने सांसद अरोड़ा को दिया जवाब, अब होगी फर्जी सोशल मीडिया के न्यूज चैनलों के खिलाफ कारवाई

लुधियाना, 13 दिसंबर, 2023: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने दिसंबर, 2021 से, भारत की अखंडता व संप्रभुता के हित में, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या सार्वजनिक व्यवस्था या उपरोक्त से संबंधित किसी भी संज्ञेय अपराध के लिए उकसावे को रोकने के लिए आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए का उल्लंघन करने वाली सामग्री दिखाने के लिए 122 यूट्यूब आधारित समाचार चैनलों की सार्वजनिक पहुंच को अवरुद्ध करने के निर्देश जारी किए हैं। 


यह बात सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कही है। अरोड़ा ने फर्जी समाचार चैनलों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर मंत्री से जवाब मांगा था. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था कि फर्जी समाचार चैनल बंद हो जाएं; और पिछले तीन वर्षों में कितने चैनलों को बंद करने के लिए बाध्य किया गया है।

अपने जवाब में, मंत्री ने कहा कि सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (आईटी नियम, 2021) को अधिसूचित किया है जो अन्य बातों के साथ-साथ डिजिटल मीडिया पर समाचार और समसामयिक मामलों के प्रकाशकों और ऑनलाइन क्यूरेटेड सामग्री (ओटीटी प्लेटफॉर्म) के प्रकाशकों द्वारा नियमों के तहत निर्धारित आचार संहिता के पालन और उनके द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित शिकायत के निवारण के लिए एक त्रिस्तरीय तंत्र प्रदान करता है। 

इसके अलावा, मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए, सभी निजी सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों को अन्य बातों के साथ-साथ उनके द्वारा प्रसारित सामग्री के संबंध में केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम कोड का पालन करना आवश्यक है। यह अधिनियम टीवी चैनलों द्वारा संहिताओं के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए त्रिस्तरीय शिकायत निवारण तंत्र का भी प्रावधान करता है। जहां संहिताओं का उल्लंघन पाया जाता है वहां उचित कार्रवाई की जाती है।

आज यहां एक बयान में यह जानकारी देते हुए अरोड़ा ने कहा कि अन्य समाचार-आधारित यूट्यूब चैनलों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 122 यूट्यूब समाचार चैनलों के खिलाफ की गई कार्रवाई को एक "सबक" के रूप में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाये गये कानून का सभी को पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, प्रत्येक समाचार संगठन के लिए विश्वसनीयता मायने रखती है इसलिए न्यूज़ रिपोर्ट को लाइव करने से पहले पूर्व चेक और काउंटर चेक किया जाना चाहिए।

खन्ना पुलिस द्वारा AKF के आतंकी ग्रिफतार, पुलिस अमृतपाल के और समर्थकों की तलाश में #indialive24 #ludhiana


 

कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए छोटे समाज और ओबीसी समाज का अपमान करना और माफी भी न मांगना ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है : रजनीश धीमान

लुधियाना 24 मार्च - भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रजनीश धीमान ने एक प्रेस बयांन जारी करके बताया की राहुल गांधी को गुजरात की अदालत ने वर्ष 2019 के मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने और उन्हें दो वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने की वजह से लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद की सदस्यता खत्म कर दी है। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। पर अब वे लोकसभा सांसद नहीं रहे। यह आदेश 23 मार्च से लागू हो गया है। भाजपा जिलाअध्यक्ष रजनीश धीमान ने कहा की राहुल गांधी का पहले से ही असंसदीय आचरण रहा है। उनका अहंकार सभी को दिखता रहा है। भाजपा जिला अध्यक्ष रजनीश धीमन ने कहा की क्या कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए छोटे समाज और ओबीसी समाज का अपमान करना और माफी भी
न मांगना ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है। गाली देने में और आलोचना करने में अंतर है। वे राहुल गांधी ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे। जिसकी वजह से उन्हें सजा हुई। भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहाकि देश में न्यायालय के सामने सब समान हैं। ये कोर्ट का फैसला है और न्यायपालिका के फैसले को स्वीकार करना चाहिए।