सांसद अरोड़ा ने केंद्र से पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए और फंड आवंटित करने का किया आग्रह
अरोड़ा ने पंजाब में पर्यटन सर्किटों को बढ़ावा देने और विविधता लाने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में एक और सवाल पूछा था। जवाब में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय देश भर में थीम-आधारित पर्यटन सर्किटों के एकीकृत विकास और तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं के विकास के लिए 'स्वदेश दर्शन' और `प्रशाद’ (तीर्थ कायाकल्प एवं आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) की केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है। उन्होंने स्वदेश दर्शन योजना के तहत पंजाब राज्य को स्वीकृत परियोजनाओं का विवरण भी प्रदान किया। इस योजना के तहत पंजाब को 2018-19 के दौरान आनंदपुर साहिब - फतेहगढ़ साहिब - चमकौर साहिब - फिरोजपुर - अमृतसर - खटकड़ कलां - कलानौर - पटियाला के विरासत सर्किट विकास के लिए 94.51 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। आगे यह भी कहा गया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने अब स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थल के विकास के लिए स्वदेश दर्शन की अपनी योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया रूप दिया है और एसडी 2.0 के तहत विकास के लिए पंजाब में अमृतसर और कपूरथला की पहचान की है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अमृतसर में करुणा सागर वाल्मीकि स्थल के विकास और रोपड़ (पंजाब) में चमकौर साहिब के विकास जैसी परियोजनाओं को `प्रशाद’ के तहत मंजूरी दी गई और 37.97 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई।
अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पर्यटन की अपार संभावनाओं वाला राज्य है और राज्यों के विकास में पर्यटन का अहम योगदान है। उन्होंने कहा, ''यहां तक कि माननीय मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान और माननीय पर्यटन मंत्री गगन अनमोल मान के कुशल नेतृत्व में पंजाब सरकार भी पंजाब को पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाना चाहती है। उच्च पर्यटन क्षमता वाले स्थानों को विकसित करना और निजी निवेश को आकर्षित करना शुरू किया है।" उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्य रूप से इको-टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के बीड़ और जंगलों में पर्यटन की अपार संभावनाओं को पहचानते हुए राज्य सरकार ने ईको-टूरिज्म के लिए सभी बीड़ और जंगलों को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है जो राज्य के लिए
राजस्व का एक बड़ा स्रोत साबित हो सकता है। साथ ही जल से संबंधित खेलों को महत्व दिया जा रहा है और निकट भविष्य में जहां भी संभव होगा नदियों और उसके आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन खेलों को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साथ ही, इस बात की सख्त जरूरत है कि केंद्र को पंजाब के पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए और फंड आवंटित करना चाहिए और वित्तीय महत्व के त्योहारों की सूची में पंजाब के ग्रामीण और शहरी पर्यटन महत्व के अन्य स्थानों और त्योहारों को शामिल करना चाहिए जिस के अंतर्गत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा सहायता प्रदान की जाती है।
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